यह सिर्फ चोरी की कहानी नहीं है, यह एक सिस्टम की सजगता की कहानी है। अकोला शहर की पोस्टे-खदान पुलिस ने वह कर दिखाया, जो अक्सर फिल्मों में होता है – 24 घंटे के भीतर अपराधी गिरफ्त में और पूरा पैसा बरामद।
22 जून 2025 को शिकायत लेकर पहुंचे शाम नंदलाल जांबे, उम्र 45, महावितरण विभाग में टेक्नीशियन। उनकी शिकायत में बताया गया कि 20 जून को उन्होंने अपनी GPF की रकम – 9 लाख रुपये – बैंक से निकाली थी। लेकिन किस्मत को कुछ और मंज़ूर था। अचानक तबीयत बिगड़ी और वे केडिया कॉम्प्लेक्स, गौरक्षण रोड पर आराम करने लगे। नींद लगी और इतने में एक अज्ञात चोर उनका बैग लेकर नौ-दो-ग्यारह हो गया।
पोस्टे खदान पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ – अपराध क्रमांक 492/2025, धारा 303(2) बीएनएस के तहत।
फिर क्या हुआ?
शहर की सड़कों पर दौड़ पड़ी पुलिस। नेतृत्व संभाला – पोलीस निरीक्षक मनोज केदारे ने। साथ में था डिटेक्शन ब्रांच – यानी डि.बी. पथक की टीम।
और देखते ही देखते –
विवेक अगस्टीन इंगळे, उम्र 31, पेशा – आर्किटेक्ट, निवासी रामदासपेठ, अकोला – को पकड़ लिया गया। और उसके पास से चोरी गए पूरे ₹9,00,000 रुपये भी बरामद हो गए।
लेकिन रुकिए – यह सब मुमकिन हुआ मार्गदर्शन से –
अर्चित चांडक (पुलिस अधीक्षक, अकोला)
अभय डोंगरे (अपर पुलिस अधीक्षक)
सतीश कुलकर्णी (उपविभागीय अधिकारी, शहर विभाग)
कार्रवाई को अंजाम दिया इन बहादुर अधिकारियों ने:
पोलिस निरीक्षक – मनोज केदारे
पोहेका निलेश खंडारे, अमित दुबे, जय मंडावरे, विजय मुलनकर, अभिमन्यु सदांशिव, और वैभव कस्तुरे
जब सिस्टम सजग हो तो अपराधी ज्यादा दिन खुली हवा में नहीं रह सकते।
यह सिर्फ एक केस नहीं, जनता में भरोसा लौटाने वाली कार्रवाई है।