जब देश की संसद में कुछ और चल रहा हो, तब अकोला की गलियों में एक और किस्म का लोकतंत्र बचाया जा रहा है—‘ऑपरेशन प्रहार’ के नाम पर। जी हां, अकोला ज़िले में पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक के निर्देश पर स्थानीय गुन्हे शाखा ने जुए के अड्डों पर ऐसी धड़क कार्रवाई की कि ताश की गड्डियों से लेकर हिम्मत तक सब बिखर गई।
13 जून को, पुरपीडीत कॉलनी, अकोट फाईल में छापा मारकर अनिल मोरे, नदिमशहा, भिमराव लांडे, और उस्मानशहा को धर दबोचा गया। उनके पास से 8050 रुपये नकद और जुगार का साजो-सामान बरामद किया गया।
14 जून को, शिवनगर, डाबकी रोड में फिर छापा पड़ा और सागर पूर्णये तथा प्रशांत ठाकूर को रंगे हाथ पकड़ा गया। इस बार 15,450 रुपये की बरामदगी हुई। लेकिन पुलिस यहीं नहीं रुकी। खदान इलाके, डायमंड स्कूल के पास निलेश नागरीकर और शिवप्रसाद बरदीया को भी हिरासत में लिया गया, साथ में 6230 रुपये भी।
कुल मिलाकर 3 छापों में 8 आरोपी, 29,730 रुपये और जुए का सामान जब्त किया गया।
इस कार्रवाई के पीछे केवल सिपाही नहीं, बल्कि एक पूरी टीम है — शंकर शेळके, महेंद्र मलीये, अविनाश पाचपोर, वशीमोद्दीन, रवि खंडारे, अब्दुल माजिद, इजाज, सोनवने, पातोंड, और दर्जनों और जिन्होंने ये साबित कर दिया कि अकोला में अब कानून की बिसात पर जुए के बादशाह नहीं, पुलिस की चाल चलेगी।