किसी के नशे की ज़रूरत, किसी का मुनाफ़ा और किसी की चुप्पी मिलकर तैयार होती है एक ‘हैंडमेड’ त्रासदी।
ये कहानी है अकोला ज़िले के बार्शीटाकळी थाना क्षेत्र के ग्राम शिंदखेड मोरेश्वर की, जहाँ 24 लीटर अवैध देसी शराब और उसे बनाने वाला 420 लीटर सडवा पकड़ा गया। कुल ज़ब्त की गई सामग्री की क़ीमत? 67 हज़ार 800 रुपये।
पुलिस को गुप्त जानकारी मिली, और ‘स्थानीय गुन्हे शाखा’ की टीम ने शंकर शेळके के मार्गदर्शन में वहाँ छापा मारा। अवैध हाथभट्टी के गढ़ में दाख़िल होकर केवल शराब ही नहीं पकड़ी गई, उस सोच पर भी सवाल उठे जो क़ानून को चुनौती देती है और जहर को व्यवसाय बना देती है।
आरोपी शहदेव शंकर अवचार के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र दारूबंदी क़ानून की धारा 65(ई) के तहत केस दर्ज हुआ है। कार्रवाई में ज़िला पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, अपर अधीक्षक अभय डोंगरे, और निरीक्षक शंकर शेळके की निगरानी में दशरथ बोरकर, गोकुल चव्हाण, स्वप्नील खेडकर, अन्सार अहमद, लीलाधर खंडारे, और चालक मनीष ठाकरे शामिल रहे।
ये सिर्फ शराब नहीं, ये व्यवस्था का छिलका है—जो हर बार उतरता है, लेकिन जड़ें जस की तस रहती हैं।