देश बदल रहा है, डिजिटल हो रहा है… और डिजिटल होते-होते ठगी भी ऑनलाइन हो रही है। अकोला के एक 76 वर्षीय डॉक्टर जयंतीलाल दुल्लभजी वाघेला, जो सिव्हील लाईन इलाके में रहते हैं, उन्हें एक फोन आता है। फोन करने वाला कहता है – “साहब, शेयर मार्केट में पैसा लगाइए, तगड़ा मुनाफा दिलाएंगे!” और डॉक्टर साहब भरोसे में आकर एक दो नहीं, पूरे 64 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर देते हैं।
कुछ दिन बीतते हैं, न मुनाफा आता है, न खबर। पूछने पर ठग कहता है – “और पैसा लगाइए, तभी कुछ होगा!” तब जाकर डॉक्टर को समझ आता है कि उनके साथ ठगी हुई है।
सिव्हील लाईन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज होती है – IPC की धारा 406, 419, 420, 34 के तहत अपराध क्रमांक 114/2024।
तत्काल एक्शन:
पुलिस अधीक्षक मा. अर्चित चांडक के आदेश पर जांच साइबर सेल को सौंपी जाती है। सहायक पुलिस निरीक्षक मनिधा तायडे के मार्गदर्शन में पोउपनि सागर फेरण, पो. हवा. अजय राऊत, गजानन कंदारे, अतुल अजने और गोपाल ठोंबरे की टीम गुजरात पहुंचती है।
गुजरात से दो ठग धराए:
– कांझीकुमार वल्लभभाई गुडालिया (28 वर्ष)
– चिराग भरतभाई गुडालिया (26 वर्ष)
दोनों आरोपी अहमदाबाद से गिरफ्तार कर ट्रांजिट वॉरंट पर अकोला लाए गए। कोर्ट ने 15 जुलाई 2025 तक पुलिस कस्टडी दी है।
पीड़ित को राहत:
सायबर सेल ने अब तक 6,41,221 रुपये फ्रीज़ करवा दिए हैं और 4,50,000 रुपये वापस भी दिलवा दिए हैं।
ये सिर्फ एक केस नहीं, एक चेतावनी है – कि भरोसे के साथ मोबाइल स्क्रीन पर उंगली भी सोच समझकर चलानी चाहिए।