अकोला—ये कोई आम चोरी नहीं थी। ये थी बिजली की जान कहे जाने वाले तारों की चोरी। और इस चोरी की लहर उस वक़्त थमी, जब अकोला की स्थानीय गुन्हे शाखा ने एक संगठित गैंग का भंडाफोड़ कर 10 लाख 73 हजार 500 रुपये का मुद्देमाल ज़ब्त किया।
पोलीस अधीक्षक अर्चित चांडक की समीक्षा बैठक में मालमत्ता चोरी के मामलों पर सख़्ती के निर्देश दिए गए थे। आदेश के पालन में पो.नि. शंकर शेळके और पीएसआई गोपाल जाधव के नेतृत्व में टीम गठित हुई।
गुप्त सूचना के आधार पर मंगेश जाधव, विजयनाथ राठोड, रोशन राठोड और दिपक पवार को पकड़ा गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि तार सैयद वजीर और उसके रिश्तेदार गुलाम नबी को बेचे गए थे, जिनके एमआईडीसी गोदाम से अल्युमिनियम तारों के चार बंडल, बोलेरो पिकअप (MH-12 QW 2502) और अन्य सामान बरामद हुआ।
छानबीन में सामने आया कि चार अलग-अलग स्थानों पर चोरी की घटनाएं हुई थीं। आरोपी ग्राम कारंजा, लोहारा और पंवेगव्हाण क्षेत्रों में सक्रिय थे।
इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने में अपर पुलिस अधीक्षक अभय डोंगरे, पोनि विजय चव्हाण, पोहवा हसन, अब्दुल माजिद, वसीमोद्दीन, रवी खंडारे, महेंद्र मलीये, एजाज अहमद सहित कई कर्मियों की मेहनत शामिल रही।
एक सुनियोजित कार्रवाई, जिसमें सिस्टम ने सिस्टम को जवाब दिया।