जब देश के कोने-कोने में अवैध धंधे जड़ें जमाने की कोशिश कर रहे हों, तब ज़रूरत होती है एक मजबूत और जवाबदेह प्रशासन की। ठीक वैसे ही जैसे अकोला के पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक ने “ऑपरेशन प्रहार” की शुरुआत की। मकसद साफ है — अवैध कारोबार का समूल नाश।
21 जून 2025 को, बार्शीटाकळी पुलिस स्टेशन की टीम ने ग्राम सिंदखेड में एक जुगार अड्डे पर छापा मारा। ये सिर्फ एक छापा नहीं था, बल्कि ये उन तमाम लोगों के लिए एक सख्त संदेश था जो कानून को हल्के में लेते हैं। इस कार्रवाई में कुल ₹2,32,700 का मुद्देमाल ज़ब्त किया गया — जिसमें नकद, मोबाइल और मोटरसाइकिलें शामिल थीं।
गिरफ्तार आरोपी हैं:
1. सुरेश उत्तम वानखडे (45 वर्ष)
2. नंदगोपाल गुलाबराव आगरकर (49 वर्ष)
3. जितेंद्र प्रल्हाद वानखडे (55 वर्ष)
4. सोपान डिगांबर काळदाते (36 वर्ष)
5. हरीभाऊ निंबाजी इंगळे (68 वर्ष)
6. डिगांबर ओमकार वानखडे (50 वर्ष)
पकड़े गए आरोपी कोई बाहरी नहीं, बल्कि उसी गांव के निवासी हैं। यानी अपराध अब आसपास से ही जन्म ले रहा है। लेकिन पुलिस का एक्शन भी उसी गति से सक्रिय है।
इस पूरी कार्रवाई का श्रेय जाता है पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, अपर पुलिस अधीक्षक अभय डोंगरे, उपविभागीय अधिकारी अनमोल मित्तल, स्थानीय गुन्हे शाखा के निरीक्षक शंकर शेळके और थानेदार प्रवीण धुमाळ के मार्गदर्शन को। ज़मीनी अमल में उतारने वाले मंगेश महाजन और उनकी टीम ने कानून की गरिमा को मजबूती दी।
कुल मिलाकर ये है “प्रहार” — अपराध पर, और अपराधियों की मानसिकता पर है।