29 जून को अकोला के प्रमिलाताई ओक हॉल में एक ऐसा कार्यक्रम होने जा रहा है, जो सिर्फ एक सम्मान समारोह नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है—”परिश्रम का सम्मान और शिक्षा का उत्सव।” अखिल भारतीय माळी महासंघ की ओर से आयोजित यह 20वां ‘गुणवंत विद्यार्थी कौतुक सोहळा’ दरअसल उस परंपरा का हिस्सा है, जो समाज को पढ़ने, बढ़ने और सोचने की दिशा देता है।
कार्यक्रम के उद्घाटक होंगे महाराष्ट्र के ग्रामविकास मंत्री जयकुमार गोरे। मंच पर मौजूद रहेंगे अनेक राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन पदाधिकारी—यानी हर वर्ग की भागीदारी। पर सवाल ये है कि क्या यह महज मंचीय भाषणों तक सिमटेगा या इससे समाज में ठोस बदलाव आएगा?
इस बार 10वीं के 148 और 12वीं के 57 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही NEET, JEE, CET में सफल 34 छात्र भी प्रशंसा के पात्र बनेंगे। मार्गदर्शन के लिए ललित ट्युटोरियल्स के संचालक ललित काळपांडे होंगे।
ध्यान देने वाली बात ये है कि आयोजक सिर्फ मंच सजा कर फोटो नहीं खिंचवा रहे, बल्कि बीते दो दशकों से लगातार यह आयोजन कर रहे हैं—बिना रुके, बिना थके।
परंतु अब अगला कदम क्या है? क्या इस प्रोत्साहन के बाद छात्रों को करिअर मार्गदर्शन, स्कॉलरशिप या अन्य मदद भी मिलेगी?
क्योंकि अगर यह सिर्फ सालाना शो बनकर रह गया, तो शिक्षा का असली लक्ष्य—सशक्तिकरण—कहीं खो न जाए।