देश में जहाँ एक ओर अपराध की कहानियाँ अखबारों के पहले पन्नों पर छपती हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने काम से यह साबित कर रहे हैं कि सिस्टम में अब भी जान बाकी है। बात हो रही है अकोला ज़िले की, जहाँ ऑपरेशन प्रहार के अंतर्गत पुलिस ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि वे वर्दी सिर्फ पहनते नहीं, उसका फ़र्ज़ भी निभाते हैं।
23 जुलाई 2025। एस.डी.पी.ओ. शहर विभाग की टीम को एक गुप्त सूचना मिलती है। MIDC थाना क्षेत्र, अकोला-मुर्तिज़ापुर रोड। नीलकंठ सूतगिरणी के पास दो लोग गांजा बेचने की तैयारी में हैं। फिर क्या था, ऑपरेशन प्रहार का बटन दबाया गया। कार्रवाई होती है और दो आरोपी — मोहम्मद जाकीर अब्दुल कदीर और समीर खान मेहबूब खान — रंगे हाथों पकड़े जाते हैं। 26.276 किलो गांजा, जिसकी क़ीमत 5 लाख 25 हज़ार 480 रुपये, ज़ब्त किया गया।
इस पूरी कार्रवाई का श्रेय जाता है अकोला के जुझारू पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, अपर पुलिस अधीक्षक बी. चंद्रकांत रेड्डी, और एस.डी.पी.ओ. सतीश कुलकर्णी को, जिनके नेतृत्व में PSI रत्नदीप पळसपगार और उनकी टीम — हेड कांस्टेबल अनिल खेडेकर, विनय जाधव, रविंद्र घिवे, संदीप गुंजाळ, पीसी नदीम शेख, प्रफुल बांगर — ने ज़मीन पर मोर्चा संभाला।
इस बार वर्दी ने नशे के धंधे पर नकेल कस दी है। उम्मीद है यह सिलसिला रुकेगा नहीं। क्योंकि जब सिस्टम जागता है, तो समाज को भी राहत मिलती है।