अकोला में नाबालिग लड़की के साथ न सिर्फ ज्यादती हुई, बल्कि उसे सोशल मीडिया पर बदनाम करने की भी साजिश रची गई। लेकिन इस बार पुलिस सोई नहीं थी… जाग रही थी।
पीड़ित पक्ष ने पोस्टे खदान थाने में रिपोर्ट दी कि एक विधि संघर्षग्रस्त बालक ने उनकी नाबालिग बेटी के साथ पहले तो अमानवीय हरकत की, उसका वीडियो और फोटो बनाए, और जब वह किसी अन्य युवक से गिफ्ट लेती दिखी, तो उसे लकड़ी से पीटा। इतना ही नहीं — उस हमले का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर बदनामी की सीमा पार कर दी।
धमकी दी गई — पुराने फोटो भी वायरल कर देंगे। ज़बरदस्ती गाड़ी पर बैठाकर फिर से शोषण किया गया। मगर इस बार समाज ने नहीं, पुलिस ने जवाब दिया।
पोस्टे खदान के पुलिस निरीक्षक मनोज केदारे और उनकी टीम — जिसमें निलेश खंडारे, अमित दुबे, नितीन मगर, संजय वानखडे, अभिमन्यु सदांशिव और रोहित पवार शामिल थे — ने महज 12 घंटे में दो नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया। और दो अन्य आरोपी:
- सलमान खान अयाज खान (24),
- अब्दुल साहील अब्दुल वाजीद (20) — को भी धरदबोचा।
इस कार्रवाई के पीछे थे अकोला के पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, अपर अधीक्षक अभय डोंगरे, और उपविभागीय अधिकारी सतीश कुलकर्णी।
ये वही पुलिस है जिस पर सवाल उठते हैं, लेकिन जब वक्त आता है, तो ये वर्दीदार लोग कानून को सिर्फ पढ़ाते नहीं — चलाते भी हैं। और जब समाज की रक्षा की बात हो, तो “12 घंटे” काफी होते हैं।