अकोट फाईल, अकोला की गलियों में जहाँ कभी कानून से ज़्यादा किस्मत पर भरोसा किया जाता था, वहीं अब पुलिस ने यह साबित कर दिया है कि कानून की आँखें बंद नहीं हैं। 6 जुलाई 2025 की दोपहर, पुलिस ने अपने काम से यह जता दिया कि जुगार खेलने वालों की रातें अब आराम से नहीं कटेंगी।
सूत्रों से मिली एक सटीक खबर पर अकोट फाईल पुलिस स्टेशन की टीम ने दुर्गानगर में चल रहे जुआ अड्डे पर छापा मारा। इस कार्रवाई में 6 लोगों को रंगे हाथों पकड़ा गया। उनके पास से दो मोटरसाइकिलें, पाँच मोबाइल फोन और नगदी समेत कुल ₹2,20,050 का सामान जब्त किया गया।
अब ज़रा पुलिस टीम के नाम भी सुन लीजिए — नेतृत्व कर रहे थे वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शेख रहीम साहब। उनके साथ थे एएसआई अनिस पठाण, हवालदार प्रशांत इंगळे, योगेश काटकर, संतोष चिंचोळकर, हर्षल श्रीवास, पुलिस कॉन्स्टेबल गिरीश तिडके, ईमरान शाह और अमिर। इन सबने न केवल छापा मारा, बल्कि बिना किसी हंगामे के कार्रवाई को अंजाम दिया।
और ऊपर से मार्गदर्शन में थे अकोला के पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, अपर पुलिस अधीक्षक अभय डोंगरे और उपविभागीय अधिकारी सतीश कुलकर्णी। ये वो लोग हैं जो फाइलों में नहीं, फील्ड में कानून का असर दिखाना जानते हैं।
हम अक्सर पुलिस पर सवाल उठाते हैं — और उठाने भी चाहिए — लेकिन जब वही पुलिस बिना लाठी के, सिर्फ योजना और एक्शन से अपराध पर लगाम लगाती है, तो तारीफ भी होनी चाहिए। ये वही पुलिस है, जो अगर चाहे तो शहर की फिज़ा बदल सकती है।
क्योंकि पुलिस जब डंडा नहीं, समझदारी चलाती है — तब कानून सिर्फ किताबों में नहीं, ज़मीन पर उतरता है।