अकोला की सड़कों पर, कानून को मज़ाक समझने वालों के लिए अब मज़ाक खत्म हो चुका है।
साल 2025 की ये गर्मी दो ऐसे नामों के लिए ठंडी सलाखों में तब्दील हो गई है, जिनकी वजह से अकोला के अकोट फाइल और लाडीस फाइल इलाके में दहशत का सन्नाटा पसरा रहता था।
पहला नाम – संतोष उर्फ शेट्टी पुरुषोत्तम यंगड, उम्र 33 वर्ष। हत्या के प्रयास, जबरन चोरी, दंगा, गैरकानूनी जमाव, घातक हथियारों से हमला, और डराने-धमकाने जैसे अपराधों में लिप्त।
दूसरा नाम – ऋषिकेश उर्फ रूषी अंबादास बेले, उम्र 23 वर्ष। इनके ऊपर जबरन चोट पहुँचाने, अश्लील हरकतें करने, और शांतिभंग जैसे दर्जनों मामले पहले से दर्ज हैं।
इन दोनों पर पहले भी कई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई हुई, लेकिन असर ‘निल बटे सन्नाटा’।
इस बार अकोला पुलिस ने MPDA Act (सामाजिक सुरक्षा अधिनियम) के तहत इनका गेम ओवर कर दिया।
पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक के मार्गदर्शन में ये कार्रवाई हुई।
सहयोगी रहे –
अपर पुलिस अधीक्षक अभय डोंगरे, उपविभागीय अधिकारी सतीश कुलकर्णी, स्थानिक गुन्हे शाखा के PI शंकर शेलके, PSI माजिद पठान, हवलदार ज्ञानेश्वर सैरिसे, पोकॉ. उदय शुक्ला,
और अकोट फाइल थाने से – PI शेख रहीम, अनिस पठान, प्रशांत इंगळे, योगेश काटकर, संतोष चिंचोळकर, हर्षल श्रीवास, इमरान शाह, और गिरीश तिडके।
आदेश दिया गया था जिल्हाधिकारी अजित कुंभार की ओर से, और दिनांक 23 जून 2025 को दोनों अपराधियों को अकोला जिला कारागृह में स्थानबद्ध कर दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने साफ संकेत दिया है – “कानून से खेलने वालों पर अब MPDA और दूसरे सख्त कानूनों से ही बात होगी।”
जनवरी से अब तक 10 ऐसे खतरनाक अपराधियों को जेल भेजा जा चुका है।