आज बात कर रहे उस गांव की है, जहां पुलिस के ‘प्रहार’ ने जुआरियों के ताश के महल को ढहा दिया। जगह है – अकोट, जिला अकोला। तारीख 26 जुलाई 2025। और इस ऑपरेशन का नाम है – ऑपरेशन प्रहार।
पोस्टर पर लिखा है – जुआ खेलना अपराध है, लेकिन हकीकत में कुछ लोग पेड़ों की छांव में हार-जीत की किस्मत बिछाकर खेल रहे थे – अब्दुल सलीम के खेत के पास एक खोपड़ी के नीचे। खबर मिली अकोट ग्रामीण पुलिस को और दो पंचों को लेकर रेड मारी गई। ताश के पत्ते हवा में उड़े और सात लोग पकड़ाए।
नाम पढ़िए –
- शेया अक्रम शेख मुस्तफा
- अन्दर अली खुर्शीद अली
- समीर खान शेर खान
- मोहम्मद सलीम मोहम्मद अकबर
- शेख अयूब शेख सत्तार
- मोहम्मद अकील मोहम्मद मुजेदार
- फिरोज अली जमीर अली
इनसे बरामद हुआ – 3560 रुपये नगद, 6 मोबाइल फोन जिनकी कीमत 71,000 रुपये, और 4 दोपहिया वाहन, कुल मिलाकर माल – ₹3,24,560। जी हां, ताश के खेल में लगी थी इतनी बड़ी रकम।
यह कार्रवाई हुई पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक के आदेश पर, अपर पुलिस अधीक्षक रेड्डी साहब, एसडीपीओ पडघन साहब के मार्गदर्शन में।
असली प्रहार किया – ठाणेदार किशोर जुनघरे और उनकी टीम: उमेश सोळंके, हरीश सोनवणे, शिवकुमार तोमर, वासुदेव ठोसरे, राजेश माळेकर और सुनील पाटील।अकोट में अब ताश की जगह चर्चा है – पुलिस का प्रहार।